Health Tips :- क्या आप भी हैं माइग्रेन के दर्द से परेशान? तो पिएं ये चमत्कारी अश्वगंधा और मिश्री वाला दूध, मिलेगी दर्द से राहत

Health Tips :- सिर का दर्द पूरी तरह से निचोड़ कर रख देता है। बहुत ही तकलीफ भरा होता है। सिर हमारे शरीर का एक अहम हिस्सा होता है, इसलिए सिरदर्द को कभी भी नजरअंदजा नहीं करना चाहिए। बहुत ज्यादा तनाव लेने, नींद पूरी न होने या अन्य कारणों से सिर में दर्द हो सकता है, जो धीरे-धीरे एक गंभीर समस्या का रूप ले लेता है। ऐसे में आधे सिर में लगातार दर्द होना माइग्रेन की समस्या का संकेत हो सकता है। माइग्रेन सिर का एक ऐसा दर्द है, जिसे बर्दाश्त कर पाना किसी के लिए भी बहुत मुश्किल भरा होता है। माइग्रेन के दर्द के भी कई कारण हो सकते हैं, जिसे कंट्रोल करने के लिए आप एक हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट फॉलो कर सकते हैं। आज जानेगें माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए अश्वगंधा और मिश्री का सेवन किस तरह से लाभकारी होता है। तो चलिए जानते हैं इसके फायदे और सेवन का तरीका।
Read More:- लाल भाजी खाने से मिलते हैं अनेकों फायदे, स्वाद के साथ कई गुणों का खजाना
सामग्री
अश्वगंधा पाउडर- 1 चम्मच
मिश्री- 1 चम्मच
दूध- 1 कप
बनाने की विधि
एक पैन में एक कप दूध डालें और इसे अच्छी तरह गर्म कर लें।
गर्म दूध में 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं। दूध में 1 चम्मच मिश्री डालें और पूरी तरह घुलने तक मिलाएं।मिश्रण को एक गिलास में डालें और गर्मा-गर्म पिएं।रात को सोने से पहले इस ड्रिंक को पीना ज्यादा प्रभावी होता है।

माइग्रेन से राहत के लिए अश्वगंधा और मिश्री दूध का फायदा
1-अश्वगंधा अपने एडाप्टोजेनिक गुणों के लिए जाना जाता है, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे माइग्रेन के दर्द से भी राहत मिलता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
2-मिश्री अपने ठंडे गुणों के लिए जानी जाती हैं, जो सिरदर्द औऱ माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं।
3-अश्वगंधा में तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) के स्तर को कम करने की क्षमता होती है, जो सिरदर्द होने की समस्या को रोक सकता है।
4-अश्वगंधा के नियमित सेवन से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है, जो माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि खराब नींद के कारण भी सिरदर्द हो सकता है।
5-अश्वगंधा और मिश्री दोनों का सेवन करने से पाचन तंत्र बेहतर रहता है, अपच की समस्या नहीं होती, जिससे माइग्रेन की समस्या को कम किया जा सकता है।