CG NEWS: छत्तीसगढ़ हर्बल्स की आयुर्वेदिक दवाइयां बेहद असरकारक, विशेषज्ञों ने कहा प्रदेश भर में हो प्रचार प्रसार

CG NEWS: राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचलन को बढ़ावा देने के लिए “रिसर्जेंस ऑफ आयुर्वेदा इन छत्तीसगढ़” सम्मेलन सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदेश भर से आयुर्वेद से जुड़े विषय विशेषज्ञ, आयुर्वेदिक प्रक्टिशनर्स, आयुर्वेदाचार्य और आयुष विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सम्मिलित हुए।
कार्यशाला में वनोपज संघ के अपर प्रबन्ध संचालक बी. आनंद बाबू ने सम्मेलन के उद्देश्यों को बताया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद से आयुर्वेदिक दवाइयों और परंपरागत नुस्खों का प्रचलन बढ़ा है। छत्तीसगढ़ हर्बल्स के माध्यम से लघु वनोपजों से विभिन्न उत्पाद बनाए जा रहे हैं। उनमें से 50 से 55 आयुर्वेदिक औषधियां हैं। जिनके प्रचार-प्रसार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि इन औषधियों वनों को राज्य के हर घर तक छत्तीसगढ़ हर्बल्स के माध्यम से पहुँचाया जा सके।
वनोपज संघ के प्रबंध संचालक अनिल कुमार राय ने अपने उद्बोधन में कहा कि एशिया और अफ्रीका जैसी जगहों में परम्परागत औषधियों का उपयोग किया जा रहा है। प्राचीन ग्रंथों में भी आयुर्वेदिक दवाइयों और उसकी महत्ता के बारे में बताया गया है। भारतीय परिवारों ने परम्परागत दवाइयों को कभी छोड़ा ही नहीं था। आज छत्तीसगढ़ हर्बल्स के जरिये विभिन्न असरकारक आयुर्वेदिक चूर्ण बनाएं जा रहे हैं। जो न सिर्फ वनवासियों और स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक सशक्त करने का ज़रिया है बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए भी एक महती पहल है।
वर्तमान में राज्य नवाचार आयोग के सचिव और रिटायर्ड पीसीसीएफ डॉ. आर के सिंह ने इस मौके पर कहा कि हम सब मिलकर एक आयुर्वेदिक इकोसिस्टम तैयार कर सकते हैं। देश में आयुर्वेद के क्षेत्र में बेहद कम रिसर्च हो रही है, हमें इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रदेश के ज़्यादा से ज़्यादा आयुर्वेदिक डॉक्टरों, वैद्यों, प्रक्टिशनर्स, फार्मासिस्ट को छत्तीसगढ़ हर्बल्स की आयुर्वेदिक दवाईयों को अपने उपचार में शामिल करना चाहिए।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने अपनी बातें रखीं जिनमें डॉ. जी आर चतुर्वेदी, प्रधानाचार्य, शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज रायपुर, डॉ. प्रवीण जोशी, सुपरिटेंडेंट, शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज हॉस्पिटल, रायपुर , डॉ. आर.पी गुप्ता,प्रधानाचार्य, शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, बिलासपुर, डॉ.अखिलेश शुक्ला, अस्सिस्टेंट प्रोफेसर, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद, गोआ, डॉ.संजय शुक्ला, रजिस्ट्रार, आयुष बोर्ड ऑफ छत्तीसगढ़, डॉ आर एन त्रिपाठी, भूतपूर्व प्रधानाचार्य, शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, रायपुर शामिल रहे।