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CG NEWS:-छत्तीसगढ़ की ट्रेनों में अब टीटीई नहीं ले सकेंगे रिश्वत, रेलवे ने उठाया बड़ा कदम

CG NEWS:- रेलवे में पारदर्शिता के लिए नई पहल

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) के बिलासपुर मंडल ने ट्रेनों में टिकट चेकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) बॉडी वॉर्न कैमरा पहनकर ड्यूटी करेंगे, जिससे उनकी हर गतिविधि रिकॉर्ड होगी। इससे यात्रियों से अवैध रूप से पैसे लेने या सीट अलॉटमेंट में गड़बड़ी करने की घटनाओं पर रोक लगेगी।


CG NEWS:- बॉडी वॉर्न कैमरा: कैसे करेगा काम?

बॉडी वॉर्न कैमरा एक छोटा उपकरण है, जिसे टीटीई की वर्दी पर लगाया जाता है। यह कैमरा टिकट चेकिंग के दौरान वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड करता है। यदि कोई टीटीई यात्रियों से गलत व्यवहार करता है या रिश्वत लेता है, तो वह कैमरे में कैद हो जाएगा। यह रिकॉर्डिंग विवाद की स्थिति में साक्ष्य के रूप में उपयोग की जा सकती है।


पहल का उद्देश्य

उद्देश्यविवरण
पारदर्शिता बढ़ानाटिकट चेकिंग प्रक्रिया को साफ-सुथरा और निष्पक्ष बनाना।
यात्रियों की सुरक्षायात्रियों को किसी भी प्रकार की बदसलूकी या धोखाधड़ी से बचाना।
कर्मचारियों की जवाबदेहीटीटीई को उनके कार्यों के प्रति जिम्मेदार बनाना।
शिकायतों का समाधानविवाद की स्थिति में रिकॉर्डिंग के माध्यम से त्वरित समाधान प्रदान करना।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुराग कुमार सिंह ने बताया कि इस पहल से न केवल यात्रियों को सुरक्षित माहौल मिलेगा, बल्कि टीटीई भी अपने कर्तव्यों के प्रति अधिक सजग और जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कर्मचारियों को यात्रियों से संवेदनशील और मर्यादित व्यवहार बनाए रखने के निर्देश भी दिए।


पृष्ठभूमि

हाल ही में रायपुर से चलने वाली अकलतरा-असना पैसेंजर ट्रेन में टीटीई द्वारा यात्रियों से ₹100-₹300 लेकर उन्हें ऊंचे क्लास में बैठाने की शिकायतें सामने आई थीं। इसके अलावा, एक अन्य मामले में सीमा पर देश की सेवा के लिए जा रहे सैनिकों से भी टीटीई ने रिश्वत ली थी, जिसके बाद रेलवे ने उस टीटीई को निलंबित कर दिया था ।


शिकायत कैसे करें?

यदि किसी यात्री को टीटीई या अन्य रेलवे स्टाफ के व्यवहार में कोई गड़बड़ी लगती है, तो वे निम्नलिखित तरीकों से शिकायत दर्ज कर सकते हैं:

  • रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर कॉल करके।
  • रेलवे सुरक्षा हेल्पलाइन 182 पर संपर्क करके।
  • “रेलवे मदद” ऐप के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत दर्ज करके।
  • ट्रेन में मौजूद गार्ड या आरपीएफ जवान को जानकारी देकर।
  • नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाकर संबंधित अधिकारी को सूचित करके।

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