
बेमेतरा। CG News : ज़िले में ग्राम पिरदा स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में विस्फोट ने कई जिंदगियां तबाह कर दी हैं।मजदूरों की मौत से उनके परिजन तो आहत हैं, लेकिन अब उनके सामने अपनों की पहचान करने की चुनौती हैं। परिजन अपने को खोजने दिनभर प्लांट के सामने आंसू बहा कर बैठे रहते हैं, कब अंदर से कोई अधिकारी की आवाज आए कि आपका बेटा मिल गया है,लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी अपने लोगों को देखने का नसीब नहीं हुआ है, देखना होगा कब तक इन आंसुओं को प्रशासन रोक पता है।
आपको बता दे की ग्राम पिरदा स्थित स्पेशल ब्लास्ट फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है, क्योंकि पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है, लोग अपनों का इंतजार कर रहे हैं, लोगों का बुरा हाल है,वहीं विस्फोट के बाद घटनास्थल के मलबे से अपनी जान गंवा चुके मजदूरों के शव नहीं मिल रहे हैं।शव के स्थान पर मांस के छह छह इंज के दुकड़े मिल रहे हैं।फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम दिनभर इन टुकड़ों को इकट्ठा करती रही,इन टुकड़ों को मृतकों के कुछ परिजनों को भी दिखाया गया, लेकिन कोई अपनों की पहचान नहीं कर पाया,फॉरेंसिक की टीम और पुलिस इन टुकड़ों को एक पॉलिथीन में भरकर रखा हैं। इसके डीएनए सैंपल लेने के बाद परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंपा जाएगा।
फैक्ट्री के पीएडटी सेक्शन में शनिवार को अचानक विस्फोट हुआ था।इसमें 8 मजदूरों की मौत हो गई। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से अब तक मृतकों की संख्या आधिकारिक तौर पर घोषित कर दिया है।दूसरी ओर घटना और प्रबधंन के रवैए को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी हैं।वहीं प्रशासन अपनी ओर से मुआवजा का ऐलान कर दिया,लेकिन ग्रामीणों ने कंपनी के मालिक से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए व सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं।वहीं परिजनों का कहना है कि स्पोर्ट के चपेट में उनका 20 वर्षी भतीजा शंकर भी आ गया हैं, दो दिनों से उसे ढूंढ रहा हूं,मलबे में शव के कई टुकड़ों मिले हैं।उसमें पहचान करना मुश्किल हैं।शंकर इकलौता बेटा था।
वहीं एक मां ने कहा कि सरकार से इतना ही विनती करती हूं कि मेरा बेटा वापस लौटा दे दो दिन बीत गए। लेकिन मुझसे मिलने कोई भी नहीं आया,मुझे कुछ नहीं चाहिए बस मुझे अपना बेटा लौटा दे। प्रशासन के अनुसार मरने वाले का नाम सेवक राम साहू (50) वर्ष.राजू ध्रुव, पुष्पराज देवदास,विजय देवदास. नहर यदु. नीरज ध्रुव, शंकर यादव, भीष्म साहू लोकनाथ यादव।ब्लास्ट के 60 घंटे बीतने के बाद भी दर्जनभर से ज्यादा लोग अभी भी गायब है। किसी के घर का मुखिया तो किसी परिवार में बुजुर्ग मां-बाप के इकलौते सहारे का पता नहीं चल रहा हैं। हादसे को 60 घण्टे बीत गए हैं और झुलसाती गर्मी में अपनों के इंतजार में सैकड़ों लोग फैक्ट्री के दरवाजे पर बैठे है। जैसे जैसे वक्त बीत रहा हैं।उनकी उम्मीद टूटती जा रही हैं।वहीं घायल मजदूर का कहना है कि घायल होने के बाद ना मुझे तक प्रशासनिक मदद मिल ना तो फैक्ट्री का कोई अधिकारी मुझसे मिलने पहुंचा। बहुत बड़ी दुखद घटना है कई लोग मलबे में दबे हुए हैं।