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‘शराब नीति अनियमितता मामले में AAP को आरोपी बनाने पर विचार’, ED-CBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हम दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामलों में आम आदमी पार्टी (आप) को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं। जांच एजेंसियों की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि वे शराब नीति अनियमितता मामले में ‘आप’ को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं। मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों की ओर से यह दलील दी गई। सिसौदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कल भी जारी रहेगी।

एसवी राजू ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ से कहा कि उन्हें आपको यह बताने के निर्देश हैं कि एजेंसियां आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रही हैं। हालांकि, पीठ ने राजू से मंगलवार को इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा कि क्या सीबीआई और ईडी की जांच वाले मामलों में आप के खिलाफ अलग-अलग आरोप होंगे।

मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई
राजू ने यह दलील तब दी, जब पीठ आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें आबकारी नीति के मामलों में गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसियों ने अक्सर कहा है कि आप उन हितधारकों से प्राप्त रिश्वत की लाभार्थी थी, जिन्हें बदले में शराब लाइसेंस प्राप्त हुए थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों में अपने अभियान के लिए कई हितधारकों से रिश्वत में मिले 100 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया।

सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों से गंभीर सवाल पूछे थे
इससे पहले आबकारी नीति घोटाले के लाभार्थी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों से गंभीर सवाल पूछे थे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लाभार्थी आम आदमी पार्टी (आप) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? पीठ ने यह सवाल तब उठाया, जब भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसौदिया की दो अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की गई, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच ईडी द्वारा की जा रही है।

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