छत्तीसगढ़

18 लाख से ज्यादा वाहनों के लिए ट्रैफिक पुलिस में सिर्फ 406 पुलिसकर्मी, रिपोर्ट के अनुसार 1,925 अतरिक्त बल की जरूरत

शहर की बढ़ती जनसंख्या व इसके साथ ही बढ़ते वाहनों की संख्या के अनुरूप ट्रैफिक पुलिस में बल की व्यवस्था नहीं है। यही वजह है की शहर में ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ रही है। लोगों व वाहनों की संख्या के अनुसार ट्रैफिक पुलिस में कार्यरत बल को मापने के लिए पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्युरो ने मापदंड निर्धारित किए है। रायपुर की यातायात व्यवस्था को संभाल रहे ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारियों की शहर की जनसंख्या के अनुपात में कितनी है और कितने पुलिसवालो की जरूरत है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके लिए शहर की जनसंख्या व यहां चल रहे वाहनों के अनुपात के अनुसार पुलिस कर्मियों की संख्या को बढ़ने के लिए डाटा तैयार कर दिया गया है। इस रिपोर्ट को नवंबर में पुलिस मुख्यालय भेजा गया है। इसके अनुसार शहर में करीबन 2 हजार ट्रैफिक पुलिस बल की कमी है। दी गई इस रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल यातायात पुलिस में 463 स्वीकृत बल है। इसमें से भी उपलब्ध बल की संख्या 406 ही है। ऐसे में 4,580 वाहनों व 5,390 व्यक्तियों की जिम्मेदारी एक पुलिस कर्मी पर है।

20 लाख की जनसंख्या,आरटीओ के अनुसार 18 लाख से अधिक रजिस्टर्ड वाहन
रायपुर की जनसंख्या 20 लाख से अधिक है। इसके साथ ही आरटीओ के अनुसार शहर में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 18 लाख से अधिक है। इनमें सभी श्रेणी के वाहनों की संख्या है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में वाहनों के यातायात को सुचारु रूप से व्यवस्थिति रखने के लिए मात्रा 406 ट्रैफिक पुलिसकर्मी है।

बीपीआरएण्डडी के एसओपी के अनुसार बनाई गई है रिपोर्ट
बीपीआरएण्डडी के मापदंडों के अनुसार शहरों को अलग अलग श्रेणियों में बाटा गया है। इसमें ए, बी और सी श्रेणी का निर्धारण किया गया है। ए कैटोगरी में ऐसे शहरों को रखा गया है जहां पर जनसंख्या 50 लाख से अधिक है। बी श्रेणी में 20 लाख से 50 लाख की जनसंख्या वाले शहरों को रखा गया है। वही सी श्रेणी में 20 लाख से काम जनसंख्या वाले शहर आते है। इनमें रायपुर की जनसंख्या 20 लाख के करीब है इस लिए इसके बी श्रेणी में रखा गया है।

ट्रैफिक पुलिस में वर्तमान में 463 स्वीकृत बल इसमें भी 371 ही उपलब्ध
जानकारी के अनुसार वर्तमान में ट्रैफिक पुलिस कुल स्वीकृत बल की संख्या 463 है। इनमें भी उपलब्ध बल की संख्या 406 ही है। खली पड़े पदों में उप निरीक्षक के 6 पद, सहायक उप निरीक्षक के 26 पद प्रधान आरक्षक के 76 पद व आरक्षक के 252 पद अभी भी रिक्त है।

सामान्य व वीआईपी ड्यूटी सभी इन्ही 406 पुलिस कर्मियों पर इस लिए बिगड़ती है ट्रैफिक व्यवस्था
शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को संभाल रहे इन 406 पुलिसकर्मियों पर सामन्य ड्यूटी के साथ ही वीआईपी ड्यूटी की भी जिम्मेदारी है। इसके साथ ही वीवीआईपी मूवमेंट, सड़क सुरक्षा सेल, यातायात जागरूकता, धरना प्रदर्शन, रैली, त्यौहार और स्पेशल इवेंट्स में भी इन्ही पुलिसकर्मियो को तैनात किया जाता है। जिसकी वजह से शहर के बाकि इलाको में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रूप से चलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पुलिस बल में वृद्धि करने से इन सब समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

पुलिस मुख्यालय को दी गई रिपोर्ट में बीपीआरएण्डडी के मानक के अनुसार 1925 पुलिसकर्मियों की कमी
ट्रैफिक पुलिस द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट को बीपीआरएण्डडी के मानको के अनुसार तैयार किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार शहर में 1,925 पुलिसकर्मियों की कमी बताई जा रही है। वर्तमान में ट्रैफिक पुलिस में 463 स्वीकृत पद है। इसमें भी सिर्फ 406 का ही पुलिस बल उपलब्ध है। वही बीपीआरएण्डडी के मानको के अनुसार शहर में कुल ट्रैफिक पुलिस बल की संख्या 2,388 होनी चाहिए। जबकि वर्तमान में 1,925 पुलिस बल की कमी है। इनमें निरीक्षक के 7 पद, उप निरीक्षक के 73 पद, सहायक उप निरीक्षक के 149 पद, प्रधान आरक्षक के 746 पद, आरक्षक के 832 आरक्षक चालक के 67 पद व क्रेन चालक के 50 पद की अतरिक्त जरूरत है।

नवंबर में पुलिस मुख्यालय भेजी गई रिपोर्ट
शहर की जनसंख्या व वाहनों की संख्या के अनुसार रायपुर में उपलब्ध ट्रैफिक पुलिस के बल में वृद्धि के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके लिए बीपीआरएण्डडी के मापदंडो को आधार बनाकर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है। सभी सुझाव को नवंबर में पुलिस मुख्यालय भेजा गया है।

sachindra choubey

पुलिस मुख्यालय द्वारा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे ट्रैफिक पुलिस बल में वृद्धि के लिए रिपोर्ट मांगी गई थी। इस रिपोर्ट को बनाने के लिए बीपीआरएण्ड डी के मनको को आधार बनाया गया है। रिपोर्ट को पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई वही से होगी। -सचिन्द्र चौबे, एएसपी, ट्रैफिक

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