प्रोफेशन फ़ीस पर TDS अब 30000 पर नहीं 50000 पर काटना होगा?

CA Chetan Tarwani ने आयकर अधिनियम के अंतर्गत पेशेवर शुल्क (Professional Fees) पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) से संबंधित एक अहम बदलाव पर प्रकाश डाला है। वीडियो जारी कर उन्होंने बताया की यह संशोधन वित्तीय वर्ष 2025–26 से लागू होगा और सीधे तौर पर उन लोगों को प्रभावित करेगा जो प्रोफेशनल्स को भुगतान करते हैं।
पहले आयकर अधिनियम की धारा 194J के अनुसार, यदि किसी प्रोफेशनल को एक वित्तीय वर्ष में ₹30,000 से अधिक का भुगतान किया जाता था तो उस पर TDS काटना आवश्यक था। लेकिन अब वित्तीय वर्ष 2025–26 से यह सीमा बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई है।
संशोधित धारा 194J के मुख्य बिंदु: कवर किए गए भुगतान: प्रोफेशनल फीस, टेक्निकल सर्विस फीस और रॉयल्टी।
टीडीएस की दरें:
10% TDS – प्रोफेशनल फीस (जैसे इंजीनियर, आर्किटेक्ट, वकील, सीए, या विज़िटिंग डॉक्टर को किए गए भुगतान)।
2% TDS – टेक्निकल सर्विस पर।
10% TDS – रॉयल्टी पर।
TDS काटने की जिम्मेदारी: जब भुगतान पार्टनरशिप फर्म या कंपनी द्वारा किया जाता है, तो टीडीएस काटना अनिवार्य है।
यदि भुगतान इंडिविजुअल या HUF द्वारा किया जाता है, तो TDS तभी काटना होगा जब उनके पिछले वर्ष का टर्नओवर ₹1 करोड़ से अधिक हो।
सीए चेतन तरवानी एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स कंसल्टेंट हैं, जो जीएसटी, आयकर और वित्तीय अनुपालन से जुड़ी जटिल बातों को सरल भाषा में समझाते हैं। वे सेमिनार, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्तिगत परामर्श के माध्यम से करदाताओं को जागरूक करते हैं और व्यवसायों को अनुपालन के मार्ग पर सही दिशा दिखाते हैं। इस बदलाव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए
सीए चेतन तरवानी ने कहा: “धारा 194J में यह संशोधन छोटे करदाताओं और प्रोफेशनल्स के लिए राहत लेकर आया है। लेकिन साथ ही व्यवसायों के लिए यह ज़रूरी है कि वे सावधानी बरतें। टीडीएस अनुपालन में छोटी सी गलती भी बड़ी पेनल्टी का कारण बन सकती है। मेरा प्रयास हमेशा यही रहेगा कि लोग समय पर और सही जानकारी पाएं ताकि वे बेवजह के दंड से बच सकें।”
उन्होंने आगे यह भी कहा कि ऐसे छोटे-छोटे बदलावों की जानकारी हर व्यापारी और करदाता तक पहुँचना आवश्यक है ताकि अनुपालन सरल हो सके।
