
CG NEWS:-छत्तीसगढ़ में बोरे-बासी त्योहार को लेकर सियासत गरमा गई है। भाजपा नेत्री राधिका खेड़ा ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि बोरे-बासी संस्कृति नहीं, बल्कि लूट का साधन बन गया था। उन्होंने दावा किया कि 5 घंटे के कार्यक्रम में 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें 1500 रुपये की VIP थाली और 18 रुपये की पानी की बोतल शामिल थी।
खेड़ा ने कहा, “कका (भूपेश बघेल) के लिए बोरे-बासी संस्कृति नहीं, लूट का साधन था। छत्तीसगढ़ की पहचान को टेंडर की ठेली पर बेच दिया गया।”
CG NEWS:-मुख्य बातें:
भाजपा नेत्री राधिका खेड़ा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बोरे-बासी त्योहार के नाम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
RTI से खुलासा: रायपुर में बोरे-बासी कार्यक्रम पर 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए, वो भी बिना टेंडर के।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने इसे राजनीतिक स्टंट और सांस्कृतिक प्रतीक का दुरुपयोग बताया।
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खर्च का विवरण:
वर्ष | कंपनी का नाम | खर्च (₹) | टेंडर प्रक्रिया |
---|---|---|---|
2020 | मेसर्स शुभम किराया भंडार | 3 करोड़ | बिना टेंडर |
2023 | मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेस | 8.32 करोड़ | बिना टेंडर |
2024 | मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेस | लगभग 3 करोड़ | बिना टेंडर |
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CG NEWS:-नेताओं की प्रतिक्रियाएं:
- अजय चंद्राकर (भाजपा विधायक): “बोरे-बासी दिवस को कांग्रेस ने भ्रष्टाचार का जरिया बनाया। सार्वजनिक धन का दुरुपयोग हुआ है।”
- दीपक बैज (कांग्रेस अध्यक्ष): “बोरे-बासी छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतीक है। भाजपा श्रमिक विरोधी है और हमारी परंपराओं का अपमान कर रही है।”
सोशल मीडिया पर चर्चा:
कांग्रेस नेताओं ने बोरे-बासी खाते हुए तस्वीरें साझा कीं, जबकि भाजपा नेताओं ने इसे “राजनीतिक दिखावा” बताया।