नहीं रोक पाए रॉंग साइड मूवमेंट, ब्रेकर लगाने के कुछ मिनटों के बाद ही पैरो से दबाकर कर रहें पार

शहर के सर्विस लेन पर रॉंग साइड से आने वाले वाहनों की वजह से यातायात बाधित होता है। इसके साथ ही हादसों का भी खतरा बना रहता है। इसके समाधान के लिए ट्रैफिक पुलिस के सुझाव पर निगम द्वारा शहर में 3 स्थानों पर टायर किलर ब्रेकर लगवाने की योजना बनाई गई। इसके लिए निगम द्वारा 13 लाख 50 हज़ार की राशि का टेंडर भी किया गया। टायर किलर ब्रेकर अन्य शहरों में भी लगवाए गए है। जिसकी पड़ताल डीबी स्टार ने की। इस पड़ताल में पता चला कि ट्रैफिक पुलिस के प्रस्ताव पर निगम ने बिना किसी सर्वे और अध्ययन रिपोर्ट या डेमो के ही टायर किलर ब्रेकर सिस्टम लगाने का निर्णय लिया है। स्थानों का चयन डीएसपी ट्रैफिक से समन्वय कर के किया गया था। विधानसभा चुनाव के पहले इसको फाफाडीह और तेलीबांधा के पास लगवाया भी गया लेकिन गलत दिशा में लगवाए जाने का हवाला देते हुए इनको 24 घंटे के भीतर ही निकलवा भी दिया गया। इसके बाद अधिकारियो का कहना था कि इसके नट व प्लेट ख़राब हो गए है। जिनको दिल्ली से मंगवाया जाना था। लेकिन अलग अलग कारणों से ये टायर किलर ब्रेकर दो माह तक सर्विस रोड पर लग नहीं पाए। 12 जनवरी को तेलीबांधा के पास लगवाया गया। इसके साथ मुलती लेवल पार्किंग कलेक्ट्रट के पास भी लगवाया जा रहा था। लेकिन इसको लगाने के महज कुछ ही घंटो में निकलने के आदेश ट्रैफिक पुलिस अधिकारियो द्वारा जारी कर दिया गया। फाफाडीह में भी इसको लगवाया जाना था लेकिन व्हा भी इसको नहीं लगवाया गया।
न सर्वे, न रिपोर्ट, ऑनलाइन उपलब्ध लिट्रेचर व वीडियो से बन गई योजना
रॉंग साइड मूवमेंट को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस के प्रस्ताव पर निगम द्वारा इसको लगवाए जाने का प्रयास शुरू किया गया। लेकिन इसके लिए न ही जिन शहरों में इनको लगवाया गया वह किसी भी प्रकारी की रिसर्च किया गया। न ही यहाँ से कोई टीम को भेजकर इसकी जांच की गई। बिना किसी सर्वे और अध्ययन रिपोर्ट या डेमो के ही टायर किलर ब्रेकर सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया। दूसरे राज्यों में जहां इस सिस्टम को लगाया गया है वहां इसकी कोई उपयोगिता साबित नहीं हुई है। कई जगहों से लगाने के बाद इसे निकाल भी दिया गया है।

3 जगहों पर लगवाया जाना था, लेकिन एक ही जगह लगाए
शहर में पहले 4 स्थानों पर लगवाए जाने की बात अधिकारियो द्वारा की जा रही थी। लेकिन बाद में इनको सिर्फ 3 स्थानों पर लगवाए जाने की जानकारी दी गई। लेकिन फिलहाल इसको सिर्फ तेलीबांधा के पास अटल एक्सप्रेसवे के सर्विस लेन पर लगाया गया है। मुलती लेवल पार्किंग कलेक्ट्रट के पास भी इसको लगवाया जा रहा था। लेकिन कुछ ही घंटो में इनको निकलने के आदेश जारी कर दिए गए। साथ ही फाफाडीह के एक्सप्रेसवे के पास भी लगवाए जाने थे लेकिन वह भी नहीं लगवाया गया।

मल्टीलेवल पार्किंग कलेक्ट्रट के पास लगने के तुरंत बाद निकलवा दिए अधिकारी
मल्टीलेवल पार्किंग कलेक्ट्रट के पास इसको लगवाने के कुछ ही घंटो में अधिकारियो द्वारा इनको निकलवा दिया गया। अधिकारियो का कहना है की इनको शहर के बीच में लगवाने के बजाये एक्सप्रेस वे जैसे इलाके जहा तेज रफ़्तार से वाहनों का आवागमन होता है वह लगवाया जायेगा। फ़िलहाल ये तेलीबांधा के पास लगा है। यहाँ पर इसकी उपयोगिता के रिजल्ट आने के बाद विचार विमर्श कर अन्य जगहों पर लगवाने पर ध्यान दिया जायेगा।
जिन शहरों में लगाए गए सिस्टम, वहां भी बेरोकटोक रॉन्ग साइड से निकल रहे वाहन
जिन राज्यों में इनको लगाया गया है वहा भी ये पूर्णता सफल नहीं, पर प्रशासन ने वही के ऑनलाइन उपलब्ध लिटरेचर ,वीडियो और फीड बैक के आधार पर योजना बनाई गई है। देश के सात राज्यों में टायर किलर ब्रेकर का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऑनलाइन उपलब्ध जानकारी के अनुसार जिन शहरों में इनके लगाया गया है वह भी रॉंग साइड मूवमेंट काम नहीं हुआ है।

नहीं रुक रहा रॉंग साइड मूवमेंट, लोग पैरो से दबा निकल रहे वाहन
टायर किलर ब्रेकर लगाने के चंद मिनटों के अंदर ही एक चार पहिया वाहन के इसपर से गुजरने की वजह से उसके चारो टायर पंक्चर हो गए। स्थानीय लोगो का कहना है कि 24 घंटे के अंदर टायर किलर ब्रेकर की वजह से करीबन 5 से 10 वाहन पंक्चर हुए होंगे। हालांकि अब यहाँ दो पहिया वाहन चालक इसी टायर किलर ब्रेकर को पैर से दबाकर निकल जा रहे है। दो टायर किलर ब्रेकर की बीच गैप भी है जिसमे में आराम से दो पहिया वाहन निकल जा रहे है।

रॉंग साइड मूवमेंट को रोकने के लिए टायर किलर ब्रेकर लगवाए गए है। इनको 3 जगहों पर लगवाया जाना है। लेकिन फ़िलहाल तेलीबांधा के पास ही इसको लगवाया गया है। कलेक्ट्रट के पास भी इसको लगवाया जा रहा था। लेकिन इनको शहर के बीच में नहीं लगवया जायेगा। इनको एक्सप्रेसवे के आसपास ही लगवाया जायेगा। जहा ये अभी लगाया गया है वह की एक हफ्ते की रिपोर्ट विश्लेषण कर अन्य स्थानों का चयन किया जाएगा। -सचिन्द्र चौबे, एएसपी, ट्रैफिक