Corruption Exposed:-पेंशन के नाम पर विधवा महिलाओं से ₹4.80 लाख की ठगी, दो लिपिक गिरफ्तार – बेटे की मौत से टूटी मां को अब मिला इंसाफ

Corruption Exposed:-सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर विधवा महिलाओं से लाखों रुपये वसूलने वाले दो सरकारी कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये कर्मचारी पेंशन और उपादान की प्रक्रिया में मदद करने का झांसा देकर रिश्वत लेते थे। अब इन पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई की गई है।
Corruption Exposed:-गिरफ्तार आरोपियों में फिंगेश्वर बीईओ कार्यालय में पेंशन शाखा प्रभारी मजहर खान और बोरिद हाईस्कूल का लिपिक खोरबहारा ध्रुव शामिल हैं। इन दोनों ने दिवंगत शिक्षकों गेसराम दीवान और चेनसिंह दीवान की विधवा पत्नियों से कुल ₹4.80 लाख रिश्वत ले ली थी, लेकिन अब तक उन्हें पेंशन या उपादान की राशि नहीं मिली थी।

यह मामला दिसंबर 2024 से जुड़ा है, जब दोनों विधवाओं – विशाखा बाई और देशों बाई – से पैसे वसूले गए थे। कई बार शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन जब भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा ने पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा से शिकायत की, तब जाकर पुलिस हरकत में आई।
विवरण | जानकारी |
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पीड़ित महिलाएं | विशाखा बाई (पत्नी – दिवंगत शिक्षक गेसराम दीवान), देशों बाई (पत्नी – दिवंगत प्रधान पाठक चेन सिंह) |
घटना स्थान | फिंगेश्वर बीईओ कार्यालय एवं बोरिद हाईस्कूल |
राशि वसूली गई | कुल ₹4.80 लाख (दिसंबर 2024 में) |
कब तक नहीं मिला लाभ | जून 2025 तक कोई लाभ नहीं दिया गया |
शिकायतकर्ता | विशाखा बाई, देशों बाई, और भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा |
पुलिस कार्रवाई | दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज |
विशाखा बाई ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि जब उन्होंने लिपिक को 2 लाख रुपये का चेक दिया, तो उसमें अक्षरों में राशि न लिखी होने का फायदा उठाकर आरोपी ने 2.80 लाख रुपये निकाल लिए। बाद में एनपीए खाते से लिमिट खत्म हो गई और जब उनके बेटे की तबीयत बिगड़ी तो उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे। इलाज के अभाव में उनके बेटे की मौत हो गई।
दूसरी पीड़िता देशों बाई ने भी बताया कि पेंशन फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर उनसे 2 लाख रुपये लिए गए थे। इन दोनों महिलाओं ने बताया कि विभाग के कुछ अफसरों को पहले से मामले की जानकारी थी, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सिर्फ आरोपी की शाखा बदली गई और फाइलें अटकी रहीं।
इस पूरे मामले ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली और संवेदनहीनता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बार-बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं करना, पीड़ित महिलाओं की मदद न करना, और रिश्वतखोरी पर चुप्पी विभाग की छवि को खराब कर रही है। अब सवाल ये है कि दोषियों पर कितनी सख्त सजा होगी और पीड़ित महिलाओं को कब न्याय मिलेगा।
Corruption Exposed:-जांच में लापरवाही का आरोप:
विभाग | कार्यवाही |
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शिक्षा विभाग (फिंगेश्वर BEÓ) | सिर्फ आरोपी मजहर खान को शाखा से हटाया गया, केस की गंभीरता को नजरअंदाज किया गया |
पुलिस विभाग | SP निखिल राखेचा के निर्देश पर कार्रवाई हुई |
शिक्षा विभाग अब तक जांच का दिखावा करता रहा, लेकिन पीड़िताओं को पेंशन का कोई लाभ नहीं मिला।
प्रमुख सवाल खड़े हुए:
- क्या शिक्षा विभाग जानबूझकर चुप बैठा रहा?
- पीड़िताओं को अब कब मिलेगा हक?
- रिश्वत लेने वाले लिपिकों को सजा कब मिलेगी?