Semiconductor Plant in UP:-जेवर में बनेगा भारत का छठा सेमीकंडक्टर प्लांट: 3706 करोड़ की लागत, 4000 से अधिक रोजगार

Semiconductor Plant in UP:-मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश के जेवर में देश की छठी सेमीकंडक्टर यूनिट को मंजूरी दी है। यह परियोजना HCL और ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन के संयुक्त उपक्रम ‘वामा सुंदरि इन्वेस्टमेंट्स’ द्वारा स्थापित की जाएगी। इस यूनिट में ₹3,706 करोड़ का निवेश होगा और यह 2027 से उत्पादन शुरू करेगी।
Semiconductor Plant in UP:-जेवर में बनेगा भारत का छठा सेमीकंडक्टर प्लांट: 3706 करोड़ की लागत, 4000 से अधिक रोजगारपरियोजना की मुख्य बातें
- स्थान: जेवर, उत्तर प्रदेश (सेक्टर 28, YEIDA क्षेत्र)
- निवेश: ₹3,706 करोड़
- संयुक्त उपक्रम: HCL और फॉक्सकॉन
- उत्पादन क्षमता: हर महीने 20,000 वेफर्स और 3.6 करोड़ डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स
- रोजगार: लगभग 4,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा
- उत्पादन प्रारंभ: 2027 से
परियोजना विवरण सारणी
घटक | विवरण |
---|---|
स्थान | जेवर, उत्तर प्रदेश (सेक्टर 28, YEIDA क्षेत्र) |
निवेश राशि | ₹3,706 करोड़ |
साझेदार कंपनियाँ | HCL और फॉक्सकॉन |
उत्पादन क्षमता | 20,000 वेफर्स/माह, 3.6 करोड़ चिप्स/माह |
रोजगार अवसर | 4,000+ |
उत्पादन प्रारंभ |
भूमि आवंटन और स्थानांतरण
पहले यह यूनिट सेक्टर 10 में स्थापित होने वाली थी, लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी और भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण इसे सेक्टर 28 में स्थानांतरित किया गया। सेक्टर 28 में मेडिकल डिवाइस पार्क और अन्य उद्योग पहले से मौजूद हैं, जिससे आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
भारत के सेमीकंडक्टर मिशन में एक और कदम
यह यूनिट भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत स्वीकृत छठी परियोजना है। इससे पहले पांच यूनिट्स को मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें से एक इस वर्ष उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार है। HCL-फॉक्सकॉन की यह साझेदारी भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
भारत में सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग
भारत में मोबाइल, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, चिकित्सा उपकरण, रक्षा और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में सेमीकंडक्टर की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस नई यूनिट से देश की आयात पर निर्भरता कम होगी और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री का बयान
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “यह परियोजना भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि देश की सेमीकंडक्टर निर्माण क्षमता भी मजबूत होगी।”