New Tax System:-8 साल बाद GST में सबसे बड़ा बदलाव! PMO ने दी हरी झंडी, अगस्त में बदल सकता है टैक्स का पूरा सिस्टम

New Tax System:-भारत में 1 जुलाई 2017 को GST (वस्तु एवं सेवा कर) लागू किया गया था ताकि पूरे देश में एक जैसा टैक्स सिस्टम बन सके। लेकिन समय के साथ इसमें इतनी जटिलताएं आ गईं कि अब सरकार इसे फिर से आसान बनाने की तैयारी में है।
अब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने GST में बड़े सुधार के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव अगस्त में GST परिषद की बैठक में पेश किया जाएगा।
READ MORE:- छत्तीसगढ़ में फिर बदला मौसम का मिजाज, कई जिलों में झमाझम बारिश के आसार, यलो अलर्ट जारी
New Tax System:-GST सुधार का उद्देश्य क्या है?
सरकार रेट रेशनलाइजेशन (Rate Rationalisation) यानी टैक्स दरों को तर्कसंगत और कम संख्या में लाने की योजना पर काम कर रही है।
कारण | समस्या |
---|---|
टैक्स स्लैब अधिक | व्यापारी और ग्राहक दोनों भ्रमित |
जटिल कंप्लायंस | छोटे कारोबारियों को परेशानी |
विवादित टैक्स दरें | कानूनी विवाद और भ्रम बढ़ा |
पारदर्शिता की कमी | उपभोक्ताओं को स्पष्ट जानकारी नहीं |
New Tax System:-वर्तमान GST स्लैब दरें:
स्लैब | वस्तुओं का अनुपात | मुख्य वस्तुएं |
---|---|---|
0% | – | किताबें, जरूरत की चीजें |
5% | 21% | खाद्य सामग्री |
12% | 19% | घरेलू सामान |
18% | 44% (सबसे ज्यादा) | इलेक्ट्रॉनिक्स, सेवाएं |
28% | 3% | लक्ज़री आइटम्स |
इसके अलावा सोना-चांदी पर 0.25% और 3% की विशेष दरें हैं।
क्या हटेगा 12% टैक्स स्लैब?
सरकार विचार कर रही है कि 12% स्लैब हटाकर उसमें आने वाली वस्तुओं को या तो 5% या 18% में शिफ्ट कर दिया जाए। इससे टैक्स सिस्टम होगा और ज्यादा सरल व पारदर्शी।
संभावित फायदे:
- व्यापारियों के लिए दरें समझना आसान
- उपभोक्ता को पता रहेगा कितनी टैक्स दर है
- विवाद और भ्रम में कमी
- सरकार का टैक्स कलेक्शन भी हो सकता है स्थिर
आपकी जेब पर असर?
स्थिति | असर |
---|---|
ज़्यादा चीज़ें 5% में | सस्ती होंगी रोज़मर्रा की चीज़ें |
ज़्यादा चीज़ें 18% में | महंगाई बढ़ने का खतरा |
टैक्स फाइलिंग और चालान प्रणाली में भी बदलाव संभव
MSME सेक्टर को राहत देने के लिए चालान और टैक्स रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को और आसान करने पर विचार चल रहा है।
Cess जारी रहेगा मार्च 2026 तक
GST लागू करते वक्त राज्यों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सिगरेट, AC, SUV जैसी चीजों पर जो सेस लगाया गया था, वह अब मार्च 2026 तक जारी रहेगा। सरकार इस फंड का उपयोग कैसे हो, इस पर भी विचार कर रही है।
राजनीतिक हलचल
GST के जटिल स्लैब्स पर सांसदों ने संसद में चिंता जताई है। विपक्ष समेत कई दलों का कहना है कि आम जनता और व्यापारी दोनों परेशान हैं। मानसून सत्र में इस पर बहस की पूरी संभावना है।