
Money Laundering Scam:-प्रगति नगर, रिसाली में रहने वाले चंद्राकर परिवार के साथ एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर परिवार से 54 लाख 90 हजार रुपये ऐंठ लिए।
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Money Laundering Scam:-ठगी का तरीका (Modus Operandi)
–वीडियो कॉल के जरिए डर फैलाना:
- खुद को CBI अधिकारी बताकर चंद्राकर परिवार के मुखिया को वीडियो कॉल किया गया।
- आरोप लगाया गया कि उनके नाम से खोला गया खाता किसी ‘नरेश गोयल’ को बेच दिया गया है।
- खाता 2 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हुआ है।
डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया गया:
-डर का फायदा उठाकर 1 महीने में किश्तों में लाखों की रकम ठग ली गई।
-पूरे परिवार को धमकाकर उनकी संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी ली गई।
दुर्ग पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए अब तक कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आज दो और आरोपियों को महाराष्ट्र के ठाणे से पकड़ा गया, जिनमें रुषिकेश जोशी और खाताधारक बालकरण जोशी शामिल हैं। इससे पहले पुलिस लखनऊ से दीपक गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा, कृष्ण कुमार और शुभम श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस जांच के अनुसार, आरोपियों ने नम्रता चंद्राकर के पिता को वीडियो कॉल कर खुद को CBI अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम से केनरा बैंक में खोला गया एक खाता किसी ‘नरेश गोयल’ नामक व्यक्ति को बेच दिया गया है, जिससे 2 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। इस झूठे आरोप के बाद आरोपियों ने परिवार को धमकाकर उनकी संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी ली और डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी।
डर के कारण चंद्राकर परिवार ने 29 अप्रैल से 29 मई के बीच अलग-अलग किश्तों में 54 लाख 90 हजार रुपये ठगों को दे दिए। इस दौरान पैसा अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाया गया।
पुलिस ने जिन खातों में पैसे गए थे, उनकी जांच करते हुए आरोपियों को ट्रैक किया और अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामला आईटी एक्ट और IPC की ठगी से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
दुर्ग पुलिस का कहना है कि इस साइबर ठगी गिरोह के और भी सदस्य हो सकते हैं, जिनकी तलाश तेज कर दी गई है। साथ ही आम जनता को सतर्क रहने और ऐसे किसी भी कॉल या वीडियो कॉल पर विश्वास न करने की अपील की गई है।
Money Laundering Scam:-पुलिस का संदेश:
“कोई भी सरकारी अधिकारी कभी डिजिटल अरेस्ट की धमकी नहीं देता। ऐसे कॉल आते ही नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत करें या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत कॉल करें।”