
Illegal Trading:-प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने मुंबई के चार अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 3.3 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, विदेशी मुद्रा, महंगी घड़ियां, आभूषण और लग्जरी वाहन जब्त किए गए हैं। इस दौरान नकदी गिनने की मशीनें भी बरामद की गईं।
यह कार्रवाई इंदौर के लसूड़िया थाने में दर्ज FIR संख्या 0041/2025 के आधार पर की गई है। जांच भारतीय दंड संहिता की धाराओं और पीएमएलए के अंतर्गत हो रही है।
Illegal Trading:-जांच में सामने आया है कि आरोपी लोग VMoney, VM Trading, Standard Trades Ltd., iBull Capital, LotusBook, 11Starss और GameBet League जैसे डब्बा ट्रेडिंग और सट्टेबाजी ऐप्स के ज़रिए कारोबार कर रहे थे। ये ऐप्स व्हाइट-लेबल तकनीक पर आधारित थे और मुनाफे के हिसाब से एडमिन राइट्स का लेन-देन किया जाता था।
ED ने बताया कि सट्टेबाजी नेटवर्क के पीछे विशाल अग्निहोत्री नामक व्यक्ति का हाथ है, जिसने LotusBook प्लेटफॉर्म के एडमिन अधिकार 5% लाभांश के तहत प्राप्त किए थे। बाद में उसने ये अधिकार धवल देवराज जैन को सौंप दिए, जिससे उसे केवल 0.125% लाभ मिला जबकि बाकी लाभ जैन के पास चला गया। इसके बाद जैन ने अपने सहयोगी जॉन स्टेट्स उर्फ पांडे के साथ मिलकर एक नया व्हाइट-लेबल सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म बनाया और विशाल को उसकी तकनीक दी। मयूर पाड्या नामक हवाला ऑपरेटर इस पूरे नेटवर्क में नकद लेन-देन का काम संभालता था।
अब बात करते हैं डब्बा ट्रेडिंग की। यह एक गैरकानूनी गतिविधि है जिसे न तो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की मंज़ूरी है और न ही यह किसी पंजीकृत प्लेटफॉर्म पर होती है। इसमें निवेशक शेयर बाजार में असली स्टॉक्स नहीं खरीदते, बल्कि शेयर की कीमत ऊपर या नीचे जाने पर सट्टा लगाते हैं। पैसा कैश या गुप्त खातों के ज़रिए दिया जाता है।
Illegal Trading:-डब्बा ट्रेडिंग में सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसमें कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं होता और न ही निवेश की कोई सुरक्षा होती है। इसके जरिए टैक्स चोरी और काले धन को सफेद करने का रास्ता भी खुलता है। इसके चलते कई बार लोग अपनी भारी-भरकम रकम गंवा बैठते हैं। SEBI ने पहले ही इसे अवैध घोषित कर रखा है और इसमें लिप्त पाए जाने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
ईडी की यह छापेमारी देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी के फैलते नेटवर्क पर एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। जांच एजेंसी का कहना है कि इस मामले में आगे और भी खुलासे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
