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HEALTH UPDATE:- भोजन के बीच में पानी पीना अमृत समान, लेकिन खाने के बाद पानी पीना क्यों माना गया है ज़हर? जानिए आयुर्वेद और विज्ञान की राय

HEALTH UPDATE:-आयुर्वेदिक दृष्टिकोण: भोजन और पानी का संतुलन
“अजीर्णे भेषजं वारि, जीर्णे वारि बलप्रदम। भोजने चाऽमृतम् वारि, भोजनान्ते विषप्रदम।।”
इसका अर्थ है:
- अजीर्णे भेषजं वारि: जब भोजन नहीं पचा हो, तब पानी औषधि के समान है।
- जीर्णे वारि बलप्रदम: जब भोजन पच चुका हो, तब पानी बल प्रदान करता है।
- भोजने चाऽमृतम् वारि: भोजन करते समय थोड़ा पानी अमृत के समान है।
- भोजनान्ते विषप्रदम: भोजन के तुरंत बाद पानी पीना विष के समान है।
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से पाचन अग्नि कमजोर होती है, जिससे अपच, गैस और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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HEALTH UPDATE:-वैज्ञानिक दृष्टिकोण: पाचन प्रक्रिया पर प्रभाव
हमारे पेट में “जठराग्नि” (पाचन अग्नि) होती है, जो भोजन को पचाने में मदद करती है। भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से यह अग्नि कमजोर हो सकती है, जिससे पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप गैस, अपच और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

सही समय पर पानी पीने के लाभ
समय | प्रभाव |
---|---|
भोजन से पहले | भूख नियंत्रित होती है, पाचन में मदद |
भोजन के दौरान | थोड़ी मात्रा में पीना ठीक है |
भोजन के तुरंत बाद | पाचन अग्नि कमजोर होती है, हानिकारक |
भोजन के 30-60 मिनट बाद | पाचन में सहायता, शरीर को ऊर्जा मिलती |
HEALTH UPDATE:-विशेषज्ञों की सलाह
- भोजन के 30 से 60 मिनट बाद ही पानी पीना चाहिए।
- भोजन के दौरान एक-दो घूंट गुनगुना पानी पीना फायदेमंद होता है।
- भोजन के तुरंत बाद ठंडा पानी, नींबू पानी या कोल्ड ड्रिंक पीने से बचना चाहिए।
- भोजन के बाद हल्की वॉक करना पाचन के लिए लाभकारी