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Diwali 2024:-दिवाली के बाद बढ़ते प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों पर खतरा, जानें कैसे करें उनकी सुरक्षा
Diwali 2024:-दिवाली का पर्व खुशियों और रौशनी का त्योहार है, जिसमें पटाखे चलाने का भी खास महत्व है। हालांकि, पटाखों से निकलने वाला धुआं और हानिकारक गैसें दिवाली के बाद प्रदूषण के स्तर को बहुत बढ़ा देते हैं। इससे सबसे अधिक असर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर पड़ता है।
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दिवाली के बाद बढ़ते प्रदूषण का असर
दिवाली के अगले दिन कई शहर धुंध और स्मॉग की चपेट में आ जाते हैं, जिससे हवा जहरीली हो जाती है। ठंड के मौसम में प्रदूषण के कण हवा में ही नीचे ठहर जाते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता और खराब हो जाती है।
इसके कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और त्वचा संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
प्रभावित समूह | स्वास्थ्य समस्या | कारण |
---|---|---|
बच्चे | अस्थमा, निमोनिया, फेफड़ों की समस्याएं | बच्चे ज्यादा समय बाहर बिताते हैं और स्मॉग का सीधा असर पड़ता है। |
सांस के मरीज | अस्थमा का बढ़ना, हार्ट अटैक का खतरा | स्मॉग के कण सांस की नली में रुकावट पैदा करते हैं। |
बुजुर्ग | नाक-गले का संक्रमण, सांस लेने में कठिनाई | बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिससे उन्हें ज्यादा परेशानी होती है। |
सुरक्षा के सुझाव:
- घर के अंदर रहें: बच्चों और बुजुर्गों को कोशिश करें कि सुबह और शाम के समय घर के अंदर ही रखें।
- एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल: हवा की गुणवत्ता खराब हो तो घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- पानी का सेवन: प्रदूषण से शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में पानी सहायक होता है।
- मास्क पहनें: घर से बाहर निकलते समय एन95 मास्क का इस्तेमाल करें।