Surendra Dube Tribute:-पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन से शोक में डूबा छत्तीसगढ़, पूर्व सीएम भूपेश बघेल, सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दी श्रद्धांजलि

Surendra Dube Tribute:-छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हास्य कवि और पद्मश्री सम्मानित डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। उनके निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल समेत कई लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
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Surendra Dube Tribute:-पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट में लिखा:
“छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन का दुखद समाचार मिला। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दें।“
Surendra Dube Tribute:-वहीं, सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा:
“हर पल मुस्कान बाँटने वाला चला गया… डॉ. दुबे अपने तीखे व्यंग्य और हास्य से लोगों के दिलों को छूते थे। उन्होंने गंभीर विषयों को भी सरल और सोचने योग्य बना दिया। उन्होंने मेरे साथ 20 वर्षों तक काम किया, यह एक अपूरणीय क्षति है।“
डॉ. सुरेंद्र दुबे: साहित्य और हास्य की एक अनमोल विरासत
विवरण | जानकारी |
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पूरा नाम | डॉ. सुरेंद्र दुबे |
जन्म | 8 जनवरी 1953, बेमेतरा (छत्तीसगढ़) |
पेशे से | आयुर्वेदिक चिकित्सक |
पहचान | हास्य कवि, लेखक, व्यंग्यकार |
पद्मश्री सम्मान | वर्ष 2010 |
मुख्य कृतियाँ | 5 किताबें, टीवी शो, देश-विदेश मंचों पर प्रस्तुति |
सम्मान और उपलब्धियाँ
वर्ष | सम्मान |
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2008 | काका हाथरसी हास्य रत्न पुरस्कार |
2010 | भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान |
2012 | पं. सुंदरलाल शर्मा सम्मान, अट्टहास सम्मान |
2019 | अमेरिका में “हास्य शिरोमणि सम्मान” |
— | “छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान” (शिकागो, NACA द्वारा) |
— | 3 विश्वविद्यालयों द्वारा पीएचडी शोध कार्य |
हास्य और व्यंग्य को बनाया सामाजिक चिंतन का माध्यम
डॉ. दुबे की कविताएं केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं थीं। उन्होंने हास्य और व्यंग्य के जरिए समाज की समस्याओं, राजनीतिक पहलुओं और मानवीय संवेदनाओं को उजागर किया। उनकी रचनाएं लोगों को सोचने पर मजबूर करती थीं और साहित्य को जन-जन तक पहुंचाया।
अंतरराष्ट्रीय पहचान
डॉ. दुबे ने केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी छत्तीसगढ़ और हिंदी साहित्य को पहचान दिलाई। वाशिंगटन, शिकागो जैसे शहरों में उन्हें विशेष सम्मान प्राप्त हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ की माटी की खुशबू को वैश्विक मंचों तक पहुंचाया।