छत्तीसगढ़
CG NEWS:-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में गूंजेगी बाघ की दहाड़
CG NEWS:-कसडोल से रेस्क्यू किए गए बाघ को सुरक्षित छोड़ा गया
छत्तीसगढ़ के कसडोल नगर से रेस्क्यू किए गए नर बाघ की दहाड़ अब गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में गूंजेगी। वन विभाग की टीम ने इस बाघ को सुरक्षित तरीके से आज सुबह रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ा।
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रेस्क्यू की प्रक्रिया
- स्थान: कसडोल नगर, पारस नगर सेक्टर
- तारीख: बाघ के कसडोल क्षेत्र में देखे जाने की सूचना 8 महीने पहले मिली थी।
- कार्रवाई: वन विभाग ने वन्यजीव चिकित्सा अधिकारियों की मदद से इस बाघ को रेस्क्यू किया।
- सुरक्षित स्थान: गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र
बाघ अभयारण्य का विवरण | विस्तार |
---|---|
स्थान | छत्तीसगढ़ (कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर जिलों में) |
क्षेत्रफल | 2829.38 वर्ग किलोमीटर |
कोर क्षेत्र (महत्वपूर्ण क्षेत्र) | 2049.2 वर्ग किलोमीटर |
राष्ट्रीय मान्यता | भारत का 56वां टाइगर रिजर्व |
टाइगर रिजर्व का महत्व
मुख्यमंत्री और वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ में बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है और इसके अंतर्गत गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य शामिल हैं।
बाघ संरक्षण की पहल
यह कदम छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के सुझावों के तहत नई पहचान देगा।
हाइलाइट्स
- गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में छोड़े गए बाघ से यहां की जैव विविधता को मिलेगा बढ़ावा।
- इस टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र भारत के सबसे बड़े क्षेत्रों में एक है।
- नागार्जुनसागर और मानस टाइगर रिजर्व के बाद यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बन चुका है।