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Greenland:-ग्रीनलैंड में क्यों उड़ रहे हैं हाई-स्पीड ड्रोन? बर्फ के नीचे छिपे रहस्य जानने की कोशिश

Greenland:-क्या है मिशन का मकसद?

ग्रीनलैंड की बर्फ तेजी से पिघल रही है, जिससे समुद्र का स्तर बढ़ने का खतरा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर पूरी बर्फ पिघल गई, तो समुद्र का स्तर 7 मीटर तक बढ़ सकता है। इस सदी के अंत तक यह वृद्धि 1 मीटर तक हो सकती है। इसलिए, वैज्ञानिक बर्फ के पिघलने की प्रक्रिया को समझने के लिए हाई-स्पीड ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं।​


ड्रोन कहां और कैसे काम करेंगे?

ड्रोन पश्चिमी ग्रीनलैंड के इलुलिसैट आइसफ़जॉर्ड क्षेत्र में उड़ान भरेंगे। इनमें लिडार, कैमरा और रडार लगे होंगे, जो बर्फ की मोटाई और स्थिति की सटीक जानकारी देंगे। यह डेटा वास्तविक समय में उपलब्ध होगा, जिससे वैज्ञानिक बर्फ के पिघलने की गति और कारणों को बेहतर समझ सकेंगे।​


क्यों जरूरी है यह डेटा?

अब तक उपग्रहों से मिली जानकारी पर्याप्त नहीं थी। ड्रोन से प्राप्त डेटा से वैज्ञानिक बर्फ के नीचे की गतिविधियों, जैसे सब्लिमेशन (बर्फ का सीधे वाष्प में बदलना) और पानी की गति को समझ सकेंगे। इससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का पूर्वानुमान लगाना आसान होगा।​


कौन कर रहा है यह काम?

इस परियोजना का नेतृत्व यूके की ड्रोन निर्माता कंपनी मार्बल और नॉर्वे के बर्गन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कर रहे हैं। उनका उद्देश्य कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाला डेटा प्राप्त करना है, जिससे भविष्य में समुद्र स्तर बढ़ने के खतरों को कम किया जा सके।​


ग्रीनलैंड की बर्फ और समुद्र स्तर पर प्रभाव

वर्षबर्फ की हानि (गिगाटन में)समुद्र स्तर पर प्रभाव (अनुमानित)
1992-20245,000+1 मीटर तक वृद्धि संभव
2023-20245520 मिलियन ओलंपिक पूल के बराबर

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