CG News : बिलासपुर सेंट्रल जेल में अनियमितता, अवैध गतिविधियों और सारंगढ़ उपजेल में वसूली के लिए कैदी को टॉर्चर किये जाने का मामला उजागर हुआ था। पिछली सुनवाई में हस्तक्षेप याचिकाकर्ता दीपक चौहान और दिनेश चौहान ने अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला के माध्यम से अपना पक्ष रखा था और कहा कि उनके पक्षकार और उनके परिवार के लोगों के बयान अलग-अलग जिलों में दिए जा रहे हैं, जिससे परेशानी हो रही है।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने राहत देते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की मांग पर मामले में जांच अधिकारी को बयान बिलासपुर पहुंचकर लेने के निर्देश दिए थे। वहीं सारंगढ़ उपजेल मामले में संलिप्त आरोपी जेलकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस महानिदेशक जेल से शपथपत्र में जवाब प्रस्तुत करने कहा था।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बिलासपुर सेंट्रल जेल में अवैध गतिविधियों और सारंगढ़ उप जेल में कैदी से पिटाई और अवैध गतिविधियों को लेकर लिए स्वत: संज्ञान में जनहित याचिका के रूप में स्वीकार याचिका पर सुनवाई चल रही है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच में मंगलवार सुनवाई हुई। जिसमें प्रदेश सरकार की तरफ जेल डीजी से पूर्व में पेश किए हलफनामे पर जेलकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर उपमहाधिवक्ता से जवाब मांगा। मामले पर लगातार हो रही कार्रवाई के कारण हस्तक्षेप याचिका को स्वीकार नहीं किया।
सुनवाई के दौरान इस पूरे मामले में उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने सरकार की तरफ से डीजी जेल ने शपथ पत्र में बताया कि जांच के लिए समिति बना दी गई है और कुल 10 जेल कर्मियों में से 3 की विभागीय जांच पूरी हो गई है। इसके साथ उन पर कड़ी कार्रवाई की गई है। 1 जेलकर्मी पर जांच पूरी कर ली गई। साथ ही 6 लोगों को शोकाज नोटिस जारी किया गया है और विभागीय जांच जारी है। हाई कोर्ट ने आरोपी जेलकर्मियों की जांच जल्द पूरा करने के निर्देश के साथ संबंधित विभाग के अधिकारी से शपथपत्र में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2025 को सुनिश्चित की है।