Supreme Court Decision:-सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ममता बनर्जी की नाराज़गी: 25,000 शिक्षकों की बर्खास्तगी को बताया ‘घोर अन्याय’

Supreme Court Decision:-सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द करने का फैसला सुनाया है। इस फैसले के अनुसार, पूरी चयन प्रक्रिया को ‘दूषित और कलंकित’ माना गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘घोर अन्याय’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह भाजपा द्वारा रची गई साजिश है।
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ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया:
ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “एक नागरिक के तौर पर मैं इस फैसले का समर्थन नहीं कर सकती।” उन्होंने यह भी कहा कि सभी नियुक्त शिक्षक दोषी नहीं हो सकते और भाजपा सरकार पर बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का आरोप लगाया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश:
- नियुक्तियों को रद्द किया गया, लेकिन कर्मचारियों को अब तक प्राप्त वेतन वापस नहीं करना होगा।
- राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर नई चयन प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया।
- दिव्यांग कर्मचारियों को मानवीय आधार पर नौकरी में बनाए रखा जाएगा।
यह मामला 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) द्वारा आयोजित भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसमें 24,640 पदों के लिए 23 लाख उम्मीदवार उपस्थित हुए थे, लेकिन कुल 25,753 नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे।
आगे की कार्रवाई:
ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी और तीन महीने के भीतर नई भर्ती प्रक्रिया पूरी करेगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि योग्य शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति जल्द होगी।
प्रभावित शिक्षकों की संख्या:
| श्रेणी | संख्या |
|---|---|
| शिक्षण कर्मचारी | 24,640 |
| गैर-शिक्षण कर्मचारी | 1,113 |
| कुल प्रभावित | 25,753 |
