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BharatPe-PhonePe Controversy: खत्म हुआ दोनों कंपनियों का विवाद, इस वजह से चल रहा था झगड़ा

BharatPe-PhonePe Controversy: ऑनलाइन भुगतान के लिए भारतपे व फोनपे का इस्तेमाल करते है। लेकिन इन दोनों कपनियों में ‘पे’ शब्द को लेकर लम्बे समय से कानूनी विवाद चल रहा था। हालांकि अब इस विवाद को सुलझा लिया गया है। दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा गया है कि विवाद के सुलझने के बाद वे आगे अपने बिजनेस पर फोकस करने का फैसला लिया गया है। ‘पे’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर भारतपे और फोनपे के बीच पिछले 5 वर्षों से विभिन्न अदालतों में लंबे समय से कानूनी विवादों चल रहा था। अब दोनों कंपनियों के बीच हुए इस समझौते से सभी न्यायिक कार्यवाही खत्म हो जाएंगी।

BharatPe-PhonePe के बीच चल रहा था ट्रेडमार्क को लेकर विवाद

सयुक्त रूप से जारी किये गया बयान में कंपनी के अधिकारियो ने बताया है कि भारतपे और फोनपे के बीच लंबे समय से चल रहे सभी ट्रेडमार्क विवादों को सुलझा लिया गया है। जारी किये गए बयान के अनुसार, अगले कदम के रूप में दोनों कंपनियों ने ट्रेडमार्क रजिस्ट्री में एक-दूसरे के खिलाफ सभी विवादों को वापस लेने के लिए कदम उठा लिया है। जिससे दोनों कंपनियों को अपने संबंधित ट्रेडमार्क के पंजीकरण के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

rajneesh kumar

यह एक सकारात्मक कदम: भारतपे अध्यक्ष

रजनीश कुमार जो की भारतपे के निदेशक मंडल के अध्यक्ष है उनका कहना है कि, ‘यह उद्योग के लिए एक सकारात्मक कदम है। मैं दोनों पक्षों के प्रबंधन द्वारा दिखाई गई परिपक्वता और व्यावसायिकता की सराहना करता हूं, जो सभी कानूनी मुद्दों को हल करने और एक मजबूत डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर अपनी ऊर्जा और संसाधनों को केंद्रित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

मुझे खुशी है कि हम इस मामले में किसी समाधान पर पहुंचे: PhonePe संस्थापक

फोनपे के संस्थापक व सीईओ समीर निगम का कहना है कि, ‘मुझे खुशी है कि हम इस मामले में एक समाधान पर पहुंच गए हैं. इस नतीजे से दोनों कंपनियों को आगे बढ़ने और समग्र रूप से भारतीय फिनटेक उद्योग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी.

sameer nigam

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