Automobile News:-अमेरिका के ऑटो टैरिफ से भारतीय ऑटो इंडस्ट्री पर नहीं होगा बड़ा असर: GTRI

Automobile News:- अमेरिका द्वारा पूरी तरह से निर्मित वाहनों (CBU) और ऑटो पार्ट्स पर 25% आयात शुल्क लगाने के फैसले का भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, इससे भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर भी खुल सकते हैं।
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भारतीय निर्यात पर प्रभाव:
GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, 2024 में भारत ने अमेरिका को निम्नलिखित वाहन निर्यात किए:
वाहन प्रकार | निर्यात मूल्य (मिलियन डॉलर में) |
---|---|
पैसेंजर कारें | 8.9 |
ट्रक | 12.5 |
यह आंकड़े भारत के कुल वाहन निर्यात का बहुत छोटा हिस्सा दर्शाते हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि इन पर लगने वाला टैरिफ भारत के वाहन क्षेत्र के लिए बड़ी चिंता का विषय नहीं है।
ऑटो पार्ट्स सेक्टर पर संभावित प्रभाव:
हालांकि, ऑटो पार्ट्स के मामले में अमेरिका भारत का बड़ा खरीदार है। 2024 में भारत ने अमेरिका को 2.2 बिलियन डॉलर के ऑटो पार्ट्स निर्यात किए, जो भारत के कुल ऑटो पार्ट्स निर्यात का 29.1% है। लेकिन चूंकि यह टैरिफ सभी देशों पर लागू होंगे, इसलिए भारत के लिए समान प्रतिस्पर्धा का माहौल बना रहेगा।
वैश्विक तुलना में भारत की स्थिति:
2024 में अमेरिका ने कुल 89 बिलियन डॉलर के ऑटो पार्ट्स आयात किए, जिनमें:
- मैक्सिको: 36 बिलियन डॉलर
- चीन: 10.1 बिलियन डॉलर
- भारत: 2.2 बिलियन डॉलर
इस तुलना से स्पष्ट है कि भारत का हिस्सा अभी भी काफी छोटा है, लेकिन वह अपनी लागत-प्रभावी निर्माण क्षमता के ज़रिए इसे बढ़ा सकता है।
विशेषज्ञों की राय:
विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता मुख्य रूप से घरेलू बाजार पर निर्भर हैं, जिससे अमेरिकी टैरिफ का उन पर सीमित प्रभाव पड़ेगा। एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के निदेशक पुनीत गुप्ता के अनुसार, भारी स्थानीयकरण और न्यूनतम अमेरिकी निर्यात के कारण भारतीय वाहन निर्माता काफी हद तक सुरक्षित हैं।