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Baby Care Tips :- क्या आप भी अपने बच्चे को दूध के साथ दे रहे हैं शक्कर? तो छोड़ दें ये आदत

Baby Care Tips :- मीठा हर किसी की पसंद होता है। मगर, ज्यादा मीठा खाने से कई तरह की बीमारियां घर कर जाती हैं। खासकर छोटे बच्चों को मीठे की लत न लगने दें। आजकल बाजार में बच्चों के लिए कैंडीज, चॉकलेट्स और मीठे बिस्किट्स में कई वैराइटीज उपलब्ध हैं। बच्चे इन्हें बड़े चाव से खाते हैं। मगर, क्या आप जानते हैं कि इनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है। और इन्हें लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कई प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं, ये सभी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होते हैं। इनसे बच्चों का वजन बढ़ता है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और मेटाबॉलिक डिसॉर्डर्स का खतरा भी बढ़ता है।

अब सवाल यह है कि हम बच्चों को बाजार में उपलब्ध स्वीट प्रोडक्टस से तो बचा सकते हैं, लेकिन क्या घर में दूध में शक्कर मिलाकर देनी चाहिए? जी नहीं। अगर, आपका बच्चा 2 साल या उससे छोटा है तो उसके दूध में शक्कर न मिलाएं। उसे प्लेन, गुनगुना दूध दें। अगर, बच्चा 2 साल से बड़ा है तो सिर्फ स्वाद के लिए शक्कर दें, वह भी एक निर्धारित मात्रा में।

बच्चों को शक्कर खिलाने से होने वाले नुकसान
रिसर्च में कहा गया है कि कम उम्र के बच्चों को मिठाइयां खिलाना, मीठा दूध, कोल्ड्रिंक्स या कोई और मीठी चीज खिलाना, उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। बच्चों में मीठे की क्रेविंग बढ़ सकती है और आपको पता ही नहीं चलता कि उन्हें कब मीठे की लत लग गई। ज्यादा मीठा खाने से दांतों में कीड़े लगने लगते हैं।

बच्चों को मीठा खाने से कैसे रोकें?
अब अगर बच्चे को मीठे की लत लग गई है और उसे छुड़ाना है तो इसके लिए सबसे पहले बाजार में बिकने वाले मीठे प्रोडक्टस की खरीदी बंद करें। रोजमर्रा के खाने-पीने की चीजों में भी कार्ब्स और नेचुरल शुगर पाई ही जाती है। जैसे- अंजीर, केला, चीकू और अन्य फल। ये सभी फल शरीर को जितनी शुगर की आवश्यकता है, उतनी शुगर प्रोवाइड करवाते हैं। अगर, बच्चों को दूध से बने प्रोडक्ट जैसे दही, श्रीखंड दें इनमें नेचुरल शुगर होती है।आप कुछ समय बाद महसूस करेंगे कि बच्चा बाहर की चीजें नहीं मांगेगा।

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