
Shiv Tandav Stotra:- भोलेनाथ की उपासना का सबसे शक्तिशाली रूप है ‘शिव तांडव स्तोत्र’। यह स्तोत्र रावण द्वारा रचित माना जाता है, जिसे उसने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गाया था। इस स्तोत्र में शिव की महिमा, शक्ति और उनके तांडव स्वरूप का अद्भुत वर्णन है। माना जाता है कि इसका नियमित पाठ करने से मानसिक शक्ति बढ़ती है, आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और जीवन की कठिनाइयाँ दूर होने लगती हैं।
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Shiv Tandav Stotra:- इस स्तोत्र का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और आत्मबल में वृद्धि होती है। यह अचानक आने वाले संकटों से रक्षा करता है और स्वर तथा वाणी को भी तेज बनाता है।
इस स्तोत्र का सबसे अच्छा समय ब्रह्ममुहूर्त होता है, यानी सुबह 4 से 6 बजे के बीच। इस समय किया गया पाठ साधक को अत्यंत गहरी मानसिक ऊर्जा देता है और ध्यान में स्थिरता लाता है। यदि कोई व्यक्ति आत्मबल, आत्मविश्वास या किसी विशेष सिद्धि के लिए साधना कर रहा है, तो ब्रह्ममुहूर्त का पाठ अत्यधिक लाभकारी माना गया है।
सोमवार, त्रयोदशी तिथि, सावन के सोमवार और प्रदोष व्रत जैसे विशेष अवसरों पर इसका पाठ शीघ्र फलदायी होता है। इसके अलावा, जब जीवन में अचानक कोई कानूनी समस्या, शत्रु बाधा या मानसिक डर सामने आए, तो कई साधक प्रतिदिन 3, 5 या 11 बार इस स्तोत्र का पाठ करते हैं जिससे परिस्थितियाँ अनुकूल हो जाती हैं।
पाठ की विधि भी अत्यंत सरल है। सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शांत स्थान पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। भगवान शिव की मूर्ति, शिवलिंग या केवल उनके ध्यान के माध्यम से उन्हें नमन करें। स्तोत्र का पाठ भावपूर्वक और स्पष्ट उच्चारण में करें। यदि संस्कृत कठिन लगे तो आप हिंदी भावार्थ के साथ भी पढ़ सकते हैं। अंत में “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जप करें।
रात 9 बजे के बाद शिव तांडव स्तोत्र का पाठ न करें, क्योंकि यह अत्यधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है, जिससे नींद प्रभावित हो सकती है।
Shiv Tandav Stotra:- शिव तांडव स्तोत्र के कुछ प्रमुख श्लोक:
“डमरू की ध्वनि से गूंजता ब्रह्मांड,
भगवान शिव का तांडव नृत्य जीवन में शुभता लाता है।”
“जटाओं में बहती गंगा, मस्तक पर अग्नि और चंद्र,
उनका हर रूप जीवन में प्रकाश और शक्ति भर देता है।”
“जो शिव का स्मरण करता है,
वो भय, शत्रुता और संकटों से मुक्त होता है।”
यह स्तोत्र न केवल एक शक्तिशाली मंत्र है, बल्कि एक साधना भी है जो आपको आंतरिक ऊर्जा, साहस और संतुलन प्रदान करती है। जो लोग शिव भक्ति में विश्वास रखते हैं, उनके लिए शिव तांडव स्तोत्र एक दिव्य उपहार है।