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Government Scheme:-सरकारी तोहफा! EPS पेंशन में बड़ा बदलाव – अब मिलेंगे ₹8,500 महीना,जानिए किसे मिलेगा फायदा

Government Scheme:-केंद्र सरकार ने देश के करोड़ों निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को एक बड़ी राहत दी है। Employees’ Pension Scheme (EPS) के तहत मिलने वाली मासिक पेंशन राशि में भारी बढ़ोतरी की गई है। अब तक जहां यह पेंशन ₹3,000 से ₹4,500 के बीच मिलती थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर ₹8,500 प्रति माह कर दिया गया है।

यह फैसला उन कर्मचारियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा जो जीवन भर प्राइवेट नौकरी करते हैं और रिटायरमेंट के बाद उनके पास कोई निश्चित आमदनी नहीं होती।

EPS पेंशन योजना क्या है?

EPS यानी कर्मचारी पेंशन योजना की शुरुआत 1995 में हुई थी, जिसे EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के माध्यम से चलाया जाता है। इस योजना का उद्देश्य प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद हर महीने एक तय पेंशन देना है।

इस योजना का लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है जिनकी सैलरी से EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) कटती है। EPS में हर महीने नियोक्ता की ओर से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 8.33% जमा किया जाता है। पेंशन मिलने की शुरुआत आमतौर पर 58 वर्ष की उम्र में होती है।

Government Scheme:-क्या बदला है EPS में?

सरकार ने EPS पेंशन की अधिकतम राशि को अब ₹8,500 तक कर दिया है। पहले जहां पेंशन राशि सीमित थी, अब पात्र कर्मचारियों को इससे ज्यादा रकम मिलेगी। यह बदलाव उन कर्मचारियों पर लागू होगा जिन्होंने EPS में न्यूनतम 10 साल तक योगदान दिया है और अन्य जरूरी शर्तें पूरी की हैं।

यह कदम विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए मददगार है जो कम वेतन पर काम करते हैं और रिटायरमेंट के बाद पेंशन को ही अपना एकमात्र आय का स्रोत मानते हैं।

Government Scheme:-कर्मचारियों को क्या मिलेगा फायदा?

इस फैसले से रिटायर हो चुके कर्मचारियों को हर महीने स्थायी और सुनिश्चित आमदनी मिलेगी। इससे वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतें बिना किसी आर्थिक तनाव के पूरा कर सकेंगे। साथ ही, अब उन्हें परिवार पर निर्भर होने की बजाय वृद्धावस्था में आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।

यह बढ़ोतरी सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

EPS पेंशन लेने की प्रक्रिया

पेंशन लेने के लिए कर्मचारी को EPFO के पास फॉर्म 10-D के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी और सेवा प्रमाण पत्र जमा करना होता है। यह काम EPFO ऑफिस में जाकर या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए किया जा सकता है।

ऑनलाइन आवेदन के लिए कर्मचारी को अपने UAN नंबर से लॉगिन करना होता है और ‘पेंशन क्लेम’ सेक्शन में जाकर फॉर्म भरना होता है। एक बार आवेदन मंजूर हो जाने के बाद हर महीने पेंशन सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या सभी को ₹8,500 पेंशन मिलेगी?
नहीं, यह पेंशन आपके अंतिम वेतन, EPS में किए गए योगदान और सेवा अवधि पर निर्भर करती है। अधिकतम सीमा ₹8,500 तय की गई है।

EPS और EPF में क्या अंतर है?
EPF एक बचत योजना है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों पैसा जमा करते हैं। वहीं EPS एक पेंशन योजना है जिसमें सिर्फ नियोक्ता की तरफ से 8.33% योगदान होता है।

पेंशन कब से मिलना शुरू होती है?
आमतौर पर यह पेंशन 58 वर्ष की आयु के बाद शुरू होती है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में 50 साल की उम्र के बाद भी आंशिक पेंशन ली जा सकती है।

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