CG NEWS:-राज्य सूचना आयोग के अफसर पर फर्जी दस्तावेजों से पदोन्नति का आरोप, शिकायतकर्ता ने की स्वतंत्र जांच की मांग

CG NEWS:-छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में कार्यरत अनुभाग अधिकारी अतुल कुमार वर्मा पर फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए सेवा संविलियन और पदोन्नति हासिल करने का गंभीर आरोप लगा है। यह आरोप मोहन दास मानिकपुरी नामक शिकायतकर्ता ने लगाया है। उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सामान्य प्रशासन विभाग और विभागीय मंत्री को इस पूरे मामले की जानकारी दस्तावेजों के साथ भेजते हुए स्वतंत्र जांच समिति बनाने की मांग की है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि वर्ष 2014 में अतुल वर्मा ने आयोग में संविलियन के लिए आवेदन दिया था, जो नियमों के विरुद्ध और गलत तथ्यों के आधार पर था।
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CG NEWS:-शिकायत में कई अहम मुद्दे उठाए गए हैं।
मानिकपुरी ने बताया कि आवेदन में कृषि विभाग में पदस्थ होने की पूरी जानकारी छिपाई गई। इसके अलावा अतुल वर्मा ने सीधे 26 साल की सेवा का दावा किया, लेकिन कहीं भी सेवा शुरू होने की तारीख का उल्लेख नहीं किया गया।
शिकायत में यह भी बताया गया कि अतुल वर्मा द्वारा जमा किए गए DCA और PGDCA सर्टिफिकेट में पेन से काट-छांट की गई है। उन पर कॉलेज प्राचार्य की मुहर या हस्ताक्षर भी नहीं हैं। कई प्रमाण पत्रों में तारीख गायब है और एक ही संस्थान से जारी दो सर्टिफिकेट्स के फॉर्मेट और मोनो नंबर अलग-अलग हैं, जिससे उनकी वैधता पर सवाल खड़े होते हैं।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि वर्ष 2001 में जब छत्तीसगढ़ में ही कंप्यूटर कोर्स उपलब्ध था, तब वर्मा ने बिना अनुमति मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालय से परीक्षा दी, जो नियमों का उल्लंघन है। साथ ही वर्मा ने खुद को कृषि उत्पादन आयुक्त सरजियस मिंज की निजी स्थापना में वर्षों तक पदस्थ बताया, लेकिन उस दौरान उनका वेतन राज्य सूचना आयोग से नहीं लिया गया।
CG NEWS:-सबसे गंभीर आरोप यह है कि वर्मा ने कथित तौर पर प्रभाव का उपयोग कर खुद को सीधे छोटे ग्रेड से बड़े ग्रेड में संविलियन करवा लिया और अब बिना आवश्यक सेवा अवधि पूरी किए अनुभाग अधिकारी से अवर सचिव बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बीएससी के संदिग्ध प्रमाणपत्रों के आधार पर स्नातक मानते हुए वेतन और पदोन्नति का लाभ भी लिया है।
इस मामले में राज्य सूचना आयोग की सचिव नीलम नामदेव एक्का ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है और शिकायतकर्ता को आयोग में बुलाया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। अब उन्हें फिर से बुलाने के लिए पत्र जारी किया गया है। सचिव ने कहा कि अगर शिकायतकर्ता शपथ-पत्र और दस्तावेजों की वैधता प्रमाणित करता है, तो आगे जांच की जाएगी।
CG NEWS:-जब अतुल वर्मा से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया, तो उन्होंने संक्षेप में कहा –
“मैं छोटा कर्मचारी हूं, इस पर कुछ नहीं कह सकता। मेरे अधिकारी से बात कर लीजिए।”
शिकायतकर्ता मानिकपुरी का कहना है कि राज्य सूचना आयोग स्वयं इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकता, इसलिए जरूरी है कि आयोग से बाहर एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच समिति बनाकर इस पूरे मामले की गहराई से जांच कराई जाए।