छत्तीसगढ़

Suicide Note Reveals Truth:-पटवारी की आत्महत्या ने मचाया हड़कंप! सुसाइड नोट में लिखा – “मैं दोषी नहीं, मुझे फंसाया गया है”

Suicide Note Reveals Truth:-छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत हुए भूमि अधिग्रहण घोटाले में निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। यह मामला तब और सनसनीखेज हो गया जब उनके पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ जिसमें उन्होंने साफ तौर पर लिखा — “मैं दोषी नहीं हूं, मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है।” इस नोट से पूरे प्रकरण में बड़ी साजिश की आशंका जताई जा रही है।

Suicide Note Reveals Truth:-घटना बिलासपुर जिले के सकरी थाना क्षेत्र के जोकी गांव की है, जहां सुरेश मिश्रा ने अपनी बहन सरस्वती दुबे के फार्महाउस में पंखे से फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो कमरा अंदर से बंद था और शव फंदे से लटका हुआ मिला। मौके पर मिले सुसाइड नोट ने मामले की दिशा बदल दी है। उसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया और लिखा कि उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है।

बता दें कि सुरेश मिश्रा तखतपुर तहसील के भाड़म पंचायत में पटवारी के पद पर कार्यरत थे। उन पर आरोप था कि उन्होंने बिलासपुर-उरगा भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में फर्जी दस्तावेज तैयार किए और कुछ व्यक्तियों के नाम अवैध रूप से मुआवजे के लिए दर्ज कर दिए। इसी सिलसिले में उन्हें 25 जून को निलंबित किया गया था और उसी दिन उनके खिलाफ तोरवा थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार डीएस उइके का नाम भी सामने आया है।

जांच में सामने आया कि ढेका गांव की जमीन अधिग्रहण के मामले में सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर अवैध लाभ उठाया गया, जिससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ।

Suicide Note Reveals Truth:-सकरी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक तौर पर यह आत्महत्या का मामला माना जा रहा है, लेकिन सुसाइड नोट में लिखे आरोपों को देखते हुए अब जांच का दायरा मानसिक उत्पीड़न और षड्यंत्र की दिशा में भी बढ़ाया जा रहा है। पुलिस मृतक के परिजनों से भी पूछताछ कर रही है।

सुरेश मिश्रा की आत्महत्या ने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया है। यह सवाल अब उठने लगा है कि क्या उन्हें बलि का बकरा बनाया गया? क्या घोटाले के असली दोषी अब भी बचकर घूम रहे हैं? और सबसे महत्वपूर्ण बात – क्या सुसाइड नोट में किए गए दावों की निष्पक्ष जांच हो पाएगी?

Suicide Note Reveals Truth:-यह घटना न केवल शासन-प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े करती है, बल्कि भारतमाला परियोजना में गहराते भ्रष्टाचार की परतें भी उजागर करती है। अब देखना होगा कि सुरेश मिश्रा को न्याय मिलेगा या नहीं, और क्या असली गुनहगारों तक कानून का शिकंजा पहुंच पाएगा।

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