Political Controversy:-सरकारी भोज या दिखावटी दावत? महाराष्ट्र सरकार के आयोजन पर उठे सवाल, चांदी की थाली में परोसे गए 4500 रु. के व्यंजन

Political Controversy:-मुंबई के विधान भवन में आयोजित एक सरकारी भोज इन दिनों विवादों के घेरे में है। महाराष्ट्र सरकार ने लोकसभा की प्राक्कलन समिति की हीरक जयंती (75 वर्ष) पर एक भव्य दावत रखी, जिसमें मेहमानों को चांदी की थालियों में 4500 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से पकवान परोसे गए।
यह नजारा किसी अमीर बिजनेसमैन की पार्टी का नहीं, बल्कि जनता के पैसों से की गई सरकारी मेहमाननवाज़ी का था। कुल मिलाकर इस भोज पर करीब ₹27 लाख रुपये खर्च कर दिए गए।
Political Controversy:-विवाद क्यों हुआ?
- सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुंभर ने इस आयोजन को “जनता के पैसों की बर्बादी” बताया है।
- उन्होंने कहा कि जब राज्य आर्थिक संकट से जूझ रहा है, किसान कर्जमाफी से वंचित हैं, तो ऐसे शाही भोज की क्या जरूरत?
- कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है।
Political Controversy:-खर्चों का विश्लेषण
खर्च का प्रकार | अनुमानित राशि |
---|---|
चांदी की थाली (₹550 x 600) | ₹3,30,000 |
भोजन (₹4500 x 600) | ₹27,00,000 |
कुल अनुमानित खर्च | ₹30,30,000* |
*आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खर्च ₹27 लाख बताया गया है, किंतु यह अनुमान उससे अधिक भी हो सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
विजय वडेट्टीवार (कांग्रेस नेता):
“राज्य दिवालिया हो रहा है और सरकार चांदी की थालियों में दावत दे रही है। गरीबों के लिए योजनाएं बंद हैं, लेकिन नेताओं की दावतें चालू हैं!”
संजय राउत (शिवसेना UBT):
“यह घोटाला इतना बड़ा है कि इसकी तुलना दुनिया के किसी भी घोटाले से की जा सकती है।”
Political Controversy:-जनता का सवाल – क्या ये पैसा ज़रूरी था?
जब आम जनता महंगाई, बेरोज़गारी और कर्ज के बोझ से जूझ रही है, तब सरकार की यह शाही मेहमाननवाज़ी सवालों के घेरे में आ गई है। सवाल ये उठ रहा है कि क्या यह समारोह सादगी से नहीं मनाया जा सकता था?