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RAIPUR NEWS:-छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे नहीं रहे: साहित्य, राजनीति और आमजन में शोक की लहर

RAIPUR NEWS:-साहित्यिक आकाश का चमकता सितारा बुझा

छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हास्य कवि और पद्मश्री सम्मानित डॉ. सुरेंद्र दुबे का सोमवार को निधन हो गया। 72 वर्षीय डॉ. दुबे को हार्ट अटैक के बाद रायपुर के ACI अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके जाने से साहित्यिक, राजनीतिक और आमजन मानस में गहरा शोक है।


श्रद्धांजलि संदेशों की बाढ़

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने लिखा –

“जीवन भर मुस्कान बांटने वाले सुरेंद्र जी, आज आंखें नम कर गए।
उनकी कविताएं सदैव हमारे हृदय में जीवित रहेंगी।
ॐ शांति।”

डॉ. कुमार विश्वास बोले –

“रायपुर के मेरे दिल का एक हिस्सा अब खाली हो गया है।
यह केवल साहित्य नहीं, मेरा व्यक्तिगत नुकसान भी है।
ॐ शांति।”

अरुण साव (डिप्टी सीएम) ने कहा –

“मैं उनका श्रोता रहा हूं, यह मेरी भी निजी क्षति है।”

केदार कश्यप (पूर्व मंत्री) ने भावुक होकर लिखा –

“शब्दों से मुस्कान बांटने वाले कवि आज मौन हो गए।”

रामविचार नेताम (मंत्री) ने कहा –

“वे कलाकार नहीं, सामाजिक चेतना की धारा थे।”

लक्ष्मी रजवाड़े (मंत्री) ने कहा –

“उन्होंने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।”

वरिष्ठ पत्रकार डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कहा –

“वे वाकई अद्भुत शख्सियत थे। उनके बिना साहित्य जगत अधूरा रहेगा।”


डॉ. सुरेंद्र दुबे की उपलब्धियां

क्षेत्रविवरण
साहित्य5+ हास्य कविता संग्रह, मंचीय प्रस्तुति
सम्मानपद्मश्री (2010), हास्य रत्न (2008), अट्टहास सम्मान, अमेरिका में ‘हास्य शिरोमणि’
अंतरराष्ट्रीय मंचअमेरिका, यूके, खाड़ी देश आदि
टेलीविजनलोकप्रिय हास्य कवि सम्मेलनों में नियमित भागीदारी
शोध कार्य3 विश्वविद्यालयों ने उनके कार्य पर पीएचडी दी

छत्तीसगढ़ से विश्व मंच तक

डॉ. दुबे ने अपनी चुटीली भाषा और हास्य व्यंग्य की शैली से न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश और विदेशों में अपनी विशेष पहचान बनाई। उन्होंने हास्य को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता का साधन बनाया।

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