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Russia-China Friendship:-चीन और रूस की चांद पर नई साझेदारी: अमेरिका की बढ़ी चिंता

Russia-China Friendship:-चीन और रूस ने चंद्रमा पर एक स्वचालित परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने की योजना बनाई है, जिसे 2035 तक पूरा किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य चंद्रमा पर भविष्य की वैज्ञानिक खोजों और मानव बस्तियों के लिए स्थायी ऊर्जा स्रोत प्रदान करना है।
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Russia-China Friendship:-मिशन की मुख्य बातें
बिंदु | विवरण |
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परियोजना का नाम | अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन (ILRS) |
साझेदार देश | चीन और रूस |
लक्ष्य | चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना |
निर्माण समयसीमा | 2033 से 2035 के बीच |
संचालन | पूरी तरह स्वचालित, पृथ्वी से रिमोट कंट्रोल द्वारा |
उद्देश्य | वैज्ञानिक अनुसंधान, भविष्य की मानव बस्तियों के लिए ऊर्जा आपूर्ति |
रणनीतिक प्रभाव
- अमेरिका की प्रतिक्रिया: चीन और रूस की इस साझेदारी ने अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA को रणनीतिक रूप से सतर्क कर दिया है। अमेरिका पहले ही ‘आर्टेमिस समझौते’ पर हस्ताक्षर कर चुका है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा पर सहयोग और संसाधन साझा करना है।
- वैश्विक शक्ति संतुलन: यह परियोजना वैश्विक शक्ति संतुलन को बदल सकती है और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति में नई चुनौतियां ला सकती है।
Russia-China Friendship:-भारत की स्थिति
भारत, जो चंद्रमा पर अपने ‘चंद्रयान’ मिशनों के माध्यम से अग्रणी रहा है, इस नई अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा में अपनी भूमिका पर विचार कर रहा है। हालांकि भारत ने अभी तक ILRS परियोजना में शामिल होने की घोषणा नहीं की है, लेकिन उसकी अंतरिक्ष एजेंसी ISRO की भविष्य की योजनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण हो सकती हैं।
ILRS परियोजना का रोडमैप
वर्ष | गतिविधि |
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2028 | चीन का चांग-ई-8 मिशन: चंद्रमा पर आवश्यक प्रणालियों का परीक्षण |
2030 | चीन का पहला मानवयुक्त चंद्र मिशन |
2033-35 | चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण |
2036 | ILRS का पूर्ण संचालन शुरू |
2050 | ILRS का विस्तार: कक्षीय स्टेशन और अन्य सुविधाएं |