RAIPUR NEWS:-छत्तीसगढ़ औषधीय पादप बोर्ड के नए अध्यक्ष विकास मरकाम ने संभाला पदभार; मुख्यमंत्री साय ने औषधीय पौधों की संभावनाओं पर दिया जोर

RAIPUR NEWS:- छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप बोर्ड के नव नियुक्त अध्यक्ष विकास मरकाम ने आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में अपने पद का कार्यभार संभाला। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और विकास मरकाम को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री साय का संबोधन
मुख्यमंत्री साय ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में औषधीय पौधों की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि पारंपरिक वैद्य और बैगा समुदाय वर्षों से वन औषधियों का उपयोग कर लोगों का इलाज करते आ रहे हैं। अब समय आ गया है कि इन पारंपरिक ज्ञानों को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित और संवर्धित किया जाए।
औषधीय पौधों के संवर्धन की योजना
राज्य सरकार ने औषधीय पौधों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें औषधीय पौधों का रोपण, संरक्षण क्षेत्र की स्थापना, और पारंपरिक वैद्यों के ज्ञान का दस्तावेजीकरण शामिल है।
वन मंत्री कश्यप का वक्तव्य
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ को ‘ऑक्सीजन जोन’ कहा जाता है। यहां 67 प्रकार के वनोपज की खरीदी होती है, जिससे तेंदूपत्ता संग्राहकों को 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से लाभ मिलता है।
समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक राजेश मूणत, मोती लाल साहू, गजेंद्र यादव, नीलकंठ टेकाम, प्रणव मरपच्ची, और अन्य मंडल एवं आयोग के अध्यक्ष, अधिकारी, कर्मचारी, वैद्य, और आयुर्वेदाचार्य उपस्थित थे।
औषधीय पौधों के संवर्धन की प्रमुख योजनाएं
योजना का नाम | उद्देश्य |
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औषधीय पौधों का रोपण | औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देना |
संरक्षण क्षेत्र की स्थापना | औषधीय पौधों के प्राकृतिक आवास का संरक्षण |
पारंपरिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण | वैद्यों के ज्ञान को संरक्षित करना |
वनोपज की खरीदी | संग्राहकों को आर्थिक लाभ प्रदान करना |