गोवा के पणजी में शुक्रवार को विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद की बैठक शुरू हो गई है। बैठक से पहले भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने एससीओ के सदस्य देशों को विदेश मंत्रियों का स्वागत किया। इस बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी भारत पहुंचे हैं। शुक्रवार को विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री का स्वागत किया।
बैठक में भारत ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा
एससीओ की बैठक के दौरान अपने संबोधन में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और परोक्ष रूप से पाकिस्तान को निशाने पर लिया। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का कहर जारी है। हमारा ये मानना है कि किसी भी तरह से आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता और इसे रोका जाना चाहिए। इसमें सीमा पार से आतंकवाद और अन्य सभी तरह का आतंकवाद शामिल है। एससीओ की बैठक का मूल उद्देश्य आतंकवाद से मुकाबला है।
अंग्रेजी को बनाया जाए आधिकारिक भाषा
एस जयशंकर ने ये भी कहा कि एससीओ में सुधार और इसे आधुनिक बनाने पर भी चर्चा हुई। भारत लंबे समय से मांग कर रहा है कि अंग्रेजी को एससीओ की तीसरी आधिकारिक भाषा बनाया जाए, जिससे अंग्रेजी बोलने वाले सदस्यों देशों के बीच ज्यादा गहराई से चर्चा हो सके। भारत ने अपने मांग के पक्ष में सदस्य देशों से समर्थन भी मांगा।
जयशंकर और बिलावल ने मिलाए हाथ!
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए गुरुवार को गोवा पहुंचे। गुरुवार की शाम को एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मान में डिनर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान विदेश मंत्रियों ने एक दूसरे का अभिवादन किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया लेकिन इसकी तस्वीरें सामने नहीं आई हैं। बता दें कि करीब 12 साल बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले साल 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया था।